जीती रही जन्म जन्म... पुनश्च
मरती रही.... मर मर जीती रही पुनः.....
चलता रहा सृष्टिक्रम...
अंतविहीन पुनरावृत्ति क्रमशः~~~~...
पेशे से डॉक्टर / स्त्री रोग विशेषज्ञ...
बहुत दुखी देखे है |...
जिंदगी और मौत की गुत्थमगुत्था -..
छटपटाता जीवन- घुटने टेकता मिटते देखा है |..
जिंदगी की जंग जीती जाए..
अमृतरस की आस है |..
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 29 -03 - 2011 को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
जंजाल जी का जबसे जाना मुझे जंजल, जड़ता से तेरी जला जी का जंगल | जल कर हम तब जलाशय पर गिरे, जलन ना गयी जलजला आ गया| जल में खिले जलज सब जले, जिया जल का जला, जल, जलजल गया| जलद उठे जलप्रपात बहे, अश्रुजलविप्लव से जलधि हो गया | बहुत सुंदर रचना .........बधाई.
भ्रष्टाचारियों के मुंह पर तमाचा, जन लोकपाल बिल पास हुआ हमारा. बजा दिया क्रांति बिगुल, दे दी अपनी आहुति अब देश और श्री अन्ना हजारे की जीत पर योगदान करें आज बगैर ध्रूमपान और शराब का सेवन करें ही हर घर में खुशियाँ मनाये, अपने-अपने घर में तेल,घी का दीपक जलाकर या एक मोमबती जलाकर जीत का जश्न मनाये. जो भी व्यक्ति समर्थ हो वो कम से कम 11 व्यक्तिओं को भोजन करवाएं या कुछ व्यक्ति एकत्रित होकर देश की जीत में योगदान करने के उद्देश्य से प्रसाद रूपी अन्न का वितरण करें.
महत्वपूर्ण सूचना:-अब भी समाजसेवी श्री अन्ना हजारे का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे. पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना हैं ज़ोर कितना बाजू-ऐ-कातिल में है.
श्रीमान जी, मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
यह कविता अच्छी है। बहुत अच्छी। नूतन की तमाम कविताएं देखी हैं इसलिए भी कहा जा सकता है-ये बेहतर रचना है। लेकिन जीवन के जलाशय में डूबने से बचने के लिए कविता के अलावा भी बहुत कुछ चाहिए।
यह कविता अच्छी है। बहुत अच्छी। नूतन की तमाम कविताएं देखी हैं इसलिए भी कहा जा सकता है-ये बेहतर रचना है। लेकिन जीवन के जलाशय में डूबने से बचने के लिए कविता के अलावा भी बहुत कुछ चाहिए
32 comments:
ये जल और जलन भी खूब रही
जंजल, -- इसका सही अर्थ नहीं समझ पायी ..
बहुत सुन्दर मुक्त लिखा है आपने!
अनुप्रास की छटा देखते बनती है।
अद्भुत प्रयोग।
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 29 -03 - 2011
को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.blogspot.com/
Dhanyvaad Sangeeta ji... janjal kaa matlab "useless" or "old tattered
=":)"
जल और जलन...जलन के जलन को नहीं
बुझा पाता है जल...खुबसुरत भाव,,,सुंदर रचना।
Shastri ji dhanyvaad...
manoj ji ..dhanyvaad ...
Sangita ji punah shukriya ..meri rachnaa ko manch me jagah dene ke liye... abhaar
dhanyvaad Satyam ji..
बहुत सुंदर बिम्ब ...सुंदर रचना ....
वाह शब्दों का बहुत खूबसूरत तानाबाना -
बहुत सुंदर रचना -
बधाई.
जल कर हम तब जलाशय पर गिरे,
जलन ना गयी जलजला आ गया|
waah nutan ji
सुन्दर रचना.
कुछ-कुछ चाचा ने चाची को चांदी की... टाईप की भी लगी ।
Very nice use of alliteration ! We often see alliteratin in english literature too.. Loved the poem!
अनुप्रास अलंकार का बेहतरीन प्रयोग...
जलद उठे जलप्रपात बहे,
अश्रुजलविप्लव से जलधि हो गया |
भाव और अलान्करिकता ने चार चाँद लगा दिए है
50 में से 22 शब्द अनुप्रास अलंकार के साथ| एक डिफरेंट टाइप की कविता| बधाई नूतन जी|
जंजाल जी का जबसे जाना मुझे जंजल,
जड़ता से तेरी जला जी का जंगल |
जल कर हम तब जलाशय पर गिरे,
जलन ना गयी जलजला आ गया|
जल में खिले जलज सब जले,
जिया जल का जला, जल, जलजल गया|
जलद उठे जलप्रपात बहे,
अश्रुजलविप्लव से जलधि हो गया |
बहुत सुंदर रचना .........बधाई.
Bahut khoob.. ur Hindi vocabulary is superb.. i salute u.. Anupras alankaar ka sundar example :)
भ्रष्टाचारियों के मुंह पर तमाचा, जन लोकपाल बिल पास हुआ हमारा.
बजा दिया क्रांति बिगुल, दे दी अपनी आहुति अब देश और श्री अन्ना हजारे की जीत पर योगदान करें आज बगैर ध्रूमपान और शराब का सेवन करें ही हर घर में खुशियाँ मनाये, अपने-अपने घर में तेल,घी का दीपक जलाकर या एक मोमबती जलाकर जीत का जश्न मनाये. जो भी व्यक्ति समर्थ हो वो कम से कम 11 व्यक्तिओं को भोजन करवाएं या कुछ व्यक्ति एकत्रित होकर देश की जीत में योगदान करने के उद्देश्य से प्रसाद रूपी अन्न का वितरण करें.
महत्वपूर्ण सूचना:-अब भी समाजसेवी श्री अन्ना हजारे का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे. पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना हैं ज़ोर कितना बाजू-ऐ-कातिल में है.
उलाहना और विरह का मार्मिक चित्रण ...................
अनुप्रास अलंकार का बहुत दिनों बाद अद्भुत प्रयोग देखा
बेहतरीन रचना...........................
Dr sahiba,
pranam aap bhut achhi poet,writer hen apki kavita dill ko jhkhjhorne wali hen.sath sath matri sewa kar rahi.with regard.
Bohot sunder rachna. Padh kar bohot achha laga!
आन्तरिक भावों के सहज प्रवाहमय सुन्दर रचना....
waah bahot sunder likha hai aapne aur utna hi sunder hai aapka blog, badhai
जल कर हम तब जलाशय पर गिरे,
जलन ना गयी जलजला आ गया|
achhi panktiyaan hain...
श्रीमान जी, मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
अश्रुजलविप्लव से जलधि हो गया |....
अनुप्रास देखने योग्य बन पडा है
यह कविता अच्छी है। बहुत अच्छी। नूतन की तमाम कविताएं देखी हैं इसलिए भी कहा जा सकता है-ये बेहतर रचना है। लेकिन जीवन के जलाशय में डूबने से बचने के लिए कविता के अलावा भी बहुत कुछ चाहिए।
यह कविता अच्छी है। बहुत अच्छी। नूतन की तमाम कविताएं देखी हैं इसलिए भी कहा जा सकता है-ये बेहतर रचना है। लेकिन जीवन के जलाशय में डूबने से बचने के लिए कविता के अलावा भी बहुत कुछ चाहिए
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