Stop-Ur time starts here - Enjoy reading

Pages

RSS

Welcome to my Blog
Hope you enjoy reading.

Sunday, December 4, 2011

तुम, मैं और वह कविता

 

                                                                                                                           4481012218_a66889ab28  

तुम्हें याद है क्या कि तुम किसी अनजान की कविता सुना रहे थे उस रात ..शायद तुमको तो  मालूम था तब कि कविता किसकी थी .. मैं तो  बस सुन रही थी ...सुनना मेरा काम था और सुनाना तुम्हारा  .. तुम  तो कविता में खोये थे और मैं, मैं  तुम  में ..

तुम  बोले जा रहे थे --

कुछ विकल जगारों की लाली

कुछ अंजन  की रेखा काली

उषा के अरुण झरोखे में

जैसे हो काली रात बसी

दो नयनों में बरसात बसी  ..

बिखरी बिखरी रूखी पलकें

भीगी भीगी भारी पलकें

प्राणों में कोई पीर बसी

मन में है कोई बात बसी

दो नयनों में बरसात बसी ...

         तुम  सुना रहे थे ..उधर बाहर बारिश का शोर था और इधर अंदर मेरी आँखों में भी बरसात का जोर था .. तुम  इन सबसे अनभिज्ञ पूरे मनोयोग से किताब पर मन लगाए हुवे थे और यह  बेदर्द कविता ज्यूं  मेरे ही हाल को बयां कर रही थी ...यही वह कविता थी न जिसने तुमको  मुझसे दूर कर दिया था| साथ रह कर भी हम तुम कहाँ साथ थे ….क्या तुम्हें मालूम है कि आज भी तुम यह कविता मेरे लिए गा सकते हो क्योंकि कुछ मेरा हाल ऐसा ही हो कर रह गया ... और मैं भी गुनगुना रही हूँ एक कविता की पंक्तियाँ

अब छूटता नहीं छुडाये

रंग गया ह्रदय है ऐसा

आंसूं से धुला निखरता

यह रंग अनोखा कैसा |

कामना कला की विकसी

कमनीय मूर्ति बन तेरी

खींचती है ह्रदय पटल पर

अभिलाषा बन कर मेरी |....

                              

                      अब तो मैं भी जानने लगी हूँ कि यह कविता किस ने लिखी है क्यूंकि अब मुझे भी कविताओं से प्रेम होने लगा है|......... रंग गयी हूँ रंग में तेरे .....और रॅाक स्टार मूवी के गाने के बोल फूट रहे है --

 

रंगरेज़ा रंगरेज़ा रंग मेरा तन मेरा मन

ले ले रंगाई चाहे तन चाहे मन

रंगरेज़ा रंगरेज़ा रंग मेरा तन मेरा मन

ले ले रंगाई चाहे तन चाहे मन ..

23 comments:

Anupama Tripathi said...

इस करुना कलित ह्रदय में
क्यूँ विकल रागिनी बजती ..
क्यूँ हाहाकार स्वरों में
वेदना असीम गरजती ..?
आप के साथ मैं हूँ वही कविता सुनती हुई ....चाय पीती हुई ... देखिये न ....रात बीत गयी है सुबह होने वाली है ...पर कभी कभी मैं भी कमाल का काम करती हूँ |देर रात तक जाग जाग कर लिखती हूँ और सुबह होते ही आराम से खुश हो कर सो जाती हूँ ...अरे वाह ...सुबह तो हो गयी ...बस १० मिनट ...फिर तो उठना ही है ...!!

रविकर said...

सुन्दर प्रस्तुति पर बधाई स्वीकारें ||

chitrayepanne.blogspot.com

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत सुन्दर प्रविष्टि...वाह!

दिगम्बर नासवा said...

वाह ... जैसे कोई फेंटेसी सी खड़ी कर दी है आपने और इस प्रवाह में मैं बहा जा रहा हूँ ... बहुत ही लाजवाब ... कमाल का जादू बिखेर दिया आपने ...

Anupama Tripathi said...

आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है नयी पुरानी हलचल पर कल शनिवार 10-12-11. को । कृपया अवश्य पधारें और अपने अमूल्य विचार ज़रूर दें ..!!आभार.

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही अच्छा लगा पढ़ कर।

सादर

Amrita Tanmay said...

कमाल की रचना

आनंद said...

बिखरी बिखरी रूखी पलकें
भीगी भीगी भारी पलकें
प्राणों में कोई पीर बसी
मन में है कोई बात बसी
दो नयनों में बरसात बसी ...

नूतन जी अभी कविता ने मंत्रमुग्ध किया ही था की आपकी बरसात ने चौंकाया
खैर अब तो आपको कविताओं से प्रेम हो ही गया है ....और जिसे भी कविताओं से प्रेम है उसे 'राकस्टार' भी सेल्युलाइड पर लिखी एक कविता ही लगती है एक अनुपम कविता !

vandana gupta said...

सुन्दर भावाव्यक्ति।

Prakash Jain said...

sundar....

www.poeticprakash.com

प्रतिभा सक्सेना said...

क्यों व्यथित व्योम-गंगा सी ,छिटका कर दोनो छोरें ,
चेतना-तरंगिनि मेरी ,लेती है मृदुल हिलोरें !
- प्रसाद .
वही मनस्थिति !

abhi said...

शानदार!!!

KAVITA said...

भीगी भीगी भारी पलकें
प्राणों में कोई पीर बसी
मन में है कोई बात बसी
दो नयनों में बरसात बसी ...
...pyar ka rang ki nirala hai, jo dub gaya to tar gaya..
sundar prastuti..

chris said...

My greetings from France!
Thank you for your visit to my blog, and especially for your comment
After visiting your blog, I could not leave without putting a comment.
My Blog Is in French, on the right goal Is The Google translator!
And for me, you who is in Hindi I come to understand
very nice poem at the beginning!
I commend you for your blog
Every day is unique, every year is a promise of joy and discovery.
That 2012 is a special year for you, thousands of small joys embellish your life, and that the next twelve months or months for you all the success, professional success and personal success.
So for this New Year, I wish you to dare.
Dare to achieve your dreams.
Dare to achieve your plans.
Dare to take your happiness.
Dare to appreciate the love they give you.
Dare to have all the success you deserve.
All that is in you, he'll just have to dare.
Happy New Year to you and your entire families will
friendly
Chris
my blogs
http://sweetmelody87.blogspot.com/
http://joyeux-noel-sweetmelody.blogspot.com/

a small gift for you
http://nsm05.casimages.com/img/2011/12/27/111227035030505749224433.gif
http://nsm05.casimages.com/img/2011/12/26/111226111743505749220002.gif

मुबारक हो तुम और तुम्हारे पूरे परिवार को नव वर्ष होगा
is correct?

chris said...

good evening
I am pleased to hear from you
Ding Dong!
Boarding the flight 2010 has begun.
Your next stops are:
health
chance
joy,
happiness
Love ...
365 morning light
and as many nights dotted with stars,
53 weeks full of joy,
12 months of happiness,
4 beautiful seasons rich in positive excitement.
The duration of your trip will be 12 months.
Meet at 31 December of the year at midnight precise
In short I wish you a happy new year 2012 to all humanity.

a small present for you:
http://nsm05.casimages.com/img/2011/12/29/111229013809505749231089.gif

Maheshwari kaneri said...

बहुत अच्छी भावमयी रचना .. नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं

chris said...

Hello!
I spend truly like a galloping horse today

For I was much work done today, actually right now in France we have a big storm, and it took before that, I take some provisions, to my country house located at 25 km from home, and it took me to take some provisions.
I hope this message finds you in excellent health.
I put on my site, a text that is not me, but I'd like awareness, youth on the scourge of drugs
friendly
Chris

संगम Karmyogi said...

Atisundar kavita....डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिji.
http://isangam.blogspot.com/

संगम Karmyogi said...

Nutanji...atisundar kavita hai..bhawmayi...!!

chris said...

Hello from France
A visit to your wonderful blog!
I hope you enjoy this pleasantly w-end, for my part, I needed the last week was very tiring
I'll try to be more diligent in my visits, I attached a small picture as usual
kisses
cordially
Chris
http://nsm01.casimages.com/img/2009/02/22//090222035422505743195259.jpg

Ramakant Singh said...

KHUBSURAT RACHANA.BADHAI

Naveen Mani Tripathi said...

kya likhun bs yun samajhiye antarman tk apna asar kr gayee apki ye rachana ....abhar Nootan ji.

Coral said...

बहुत सुन्दर रचना !

Post a Comment

आप भी कुछ कहें