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Saturday, October 9, 2010

10 / 10/ 10 10:10 after 1000 years...शुभप्रभात ....

देवी चन्द्रघंटा  की पूजा का दिन ..नवरात्र  का तीसरा दिन
और आज सुबह सुबह कोहरे की घनी चादर देख कर विचार आया की अब की बार कितना जाड़ा होगा | 
और आज है तारीख 10 / 10 / 10 ..  1000 साल  बाद  ये  तारीख  आई  है ... और जब होगा 10 / 10/. 10 10:10 a:m  10 / 10/ 10 10:10 p:m ...देखें  क्या ख़ास होता है 
शुभप्रभात .... 
दिन भर में क्या होता है.. रात को देखूंगी.. अरे अब ये ना समझिएगा की रात को देखने का मतलब उल्लूक आँखे .. आज कल तो बहुत सारी रौशनी से चकमकाती चुंधियाती रात होती है ..लेकिन दिन भर का देखने के लिए रात की रोशनी नहीं चाहिए... मन की आँखों से मनन होगा .. क्या अच्छा हुवा क्या बुरा .. समझा जाएगा ... पर कम्प्यूटर में डालने के लिए तो बिजली चाहिए... अब लिखूंगी की क्या क्या हुवा दिन भर 

अब क्या हुवा ..कुछ ख़ास नहीं... रिश्तेदारी  थे..ननद और उनके पतिदेव .. भतीजे भतीजी ( सौरभ और सुच्ची ).. और बहन के परिवार वाले  ( दिप्पी के  जेठ जी घिल्डियाल जी और  साथ   में  देहरादून के अभियंता )तो दिन मिलने मिलाने  में   अच्छा  गुजरा  .. जल्दी में लिखा ..क्यूंकि १२:00 रात्री हो गयी है .. बाई बाई .... स्वागत है नए दिन का  ११ / १० /2010 
Welcome  11 / 10/2010

8 comments:

Arshad Ali said...

Mujhe bhi intazar rahega aapke agle post ka..
jiwan ka har din kuchh thanda garam liye aa hin jata hay.zindagi ko suljhana ya uljhana sab apne hin haath hay.
aise mai aapko batlana chahunga aaj meri patni ka janm din hay..aur meri shadi ko abhi do mahine hue hay..yaani nayi shadi pahla janm din thodi masti bahut jayada kharch..din ki shuruwat to achchhi hui magar sham hote hote jeb ki kaya haalat hogi ye dekhna hay..mai aaj ka din enjoy kar raha hun..aur aasha karta hun aapka bhi din bahut achchha gujre.

Umra Quaidi said...

सार्थक लेखन के लिये आभार एवं “उम्र कैदी” की ओर से शुभकामनाएँ।

जीवन तो इंसान ही नहीं, बल्कि सभी जीव भी जीते हैं, लेकिन इस मसाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, मनमानी और भेदभावपूर्ण व्यवस्था के चलते कुछ लोगों के लिये यह मानव जीवन अभिशाप बन जाता है। आज मैं यह सब झेल रहा हूँ। जब तक मुझ जैसे समस्याग्रस्त लोगों को समाज के लोग अपने हाल पर छोडकर आगे बढते जायेंगे, हालात लगातार बिगडते ही जायेंगे। बल्कि हालात बिगडते जाने का यही बडा कारण है। भगवान ना करे, लेकिन कल को आप या आपका कोई भी इस षडयन्त्र का शिकार हो सकता है!

अत: यदि आपके पास केवल दो मिनट का समय हो तो कृपया मुझ उम्र-कैदी का निम्न ब्लॉग पढने का कष्ट करें हो सकता है कि आप के अनुभवों से मुझे कोई मार्ग या दिशा मिल जाये या मेरा जीवन संघर्ष आपके या अन्य किसी के काम आ जाये।
http://umraquaidi.blogspot.com/

आपका शुभचिन्तक
“उम्र कैदी”

Shaivalika Joshi said...

Sach ek bahut rochak din tha 10/10/10

aur kohra to ehsaas dila hi rha hai jaado ke aane kaa

RockStar said...

ma'am send me ur e-id

thx
my blog is www.onlylove-love.blogspot.com

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

Dhanyvaad ..Arshad ali ji..

Dhanyvaad ..Umarkaidi ji...

Dhanyvaad Shivalika Joshi ji..

Dhanvyaad Ashok ji..

shubhkaamnayen..

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

हर दिन एक नया अनुभव लेकर आता है।

VIJAY KUMAR VERMA said...

bahut hee sundar post

budh.aaah said...

Hi,
Amrit-ras mae itna dil ko chu leney waley shabd hain, per 'comments k liye jagah nahi??' Bahut barhiya likhti hain aap, likhte rahen..

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