Stop-Ur time starts here - Enjoy reading

Pages

RSS

Welcome to my Blog
Hope you enjoy reading.

Monday, December 20, 2010

शुभकामनाएं - आपको ... नूतन



भाषा की तमाम अशुद्धियों
और व्याकरण की ढेरों गडबडियों के बीच
कुछ सहमे सहमे.
हिंदी में
लिख रहीं हूँ..
सभी भाषाओँ में जनित
भाषाविहीन
दिल की भाषा
सच्ची, शुद्ध, शुभकामना
आरोग्य, दीर्घायु, खुशहाली
यश, कीर्ति, प्रेम के लिए मंगलकामना ...

जन्मदिन मुबारक .. ..



99galleries.com | Forward This Picture To Your Friends

Sunday, December 19, 2010

मेरे दुश्मन तुझे सलाम

मेरे दुश्मन तुझे सलाम 
मैं  जानती हूँ  तुमने कभी सराहा नहीं मुझे,
मेरी पीड़ा बडती चली और और तडपाया है मुझे |
मैं धन्य  हूँ तेरी के हर प्रताडनाओं से घबराई थी
मगर तेरी प्रताडनाओ ने मजबूत बनाया है मुझे |
मेरी खुशियों  के रंगों में   बदरंग ही दिखा तुझे,
अब  इन रंगों ने इन्द्रधनुष सा रूपहला बनाया है मुझे
मैं संग तेरे चलूंगी तेरा  साया बन रहूंगी पर,
तेरे गुमान ने बेतरतीबी से ठुकराया है मुझे |
जीते जी मैंने खुद को मिट्टी बना डाला था, 
तेरे भरोसे पे ऐतबार  ने मिटा डाला था मुझे

दुनिया से दूर तेरी ओर  हो चली थी मै,
मुझको धकेल तुने ईश्वर की राह पे  पहुँचाया  है  मुझे  |
तेरे  कदम  पर कदम रख चल रही थी मैं,
खुद के निशान न थे इस धरती पे कहीं,
मेरे कदम अब बढ चले है यूं अकेले,
एक एक कदम ने अब पदचिन्ह  बनाया है मेरा  |
रेत में क्या मिटटी पे ही नहीं,
 कठोर पत्थरों पर भी चिन्हित  मेरे निशानों ने,
मेरी    पहचान को बचाया ,अस्तित्व  ही नहीं
 दुनिया के लिए  इक रोशन दीप बनाया है मुझे |
बुझ जाऊंगी  जिस दिन वो दिन आखिरी होगा,
दुवा दूंगी तुझे और  तिमिर को मिटाती जलती  रहूंगी  उम्र भर   ...

 ... नूतन