तुमने कभी इंसान की हड्डी को देखा है
कही भी जा दिखेगी हड्डी होती सिर्फ सफ़ेद है
क्या बोलती है वो
मैं हिंदू हूँ, मै मुस्लिम हूँ या कि ईसाई और सिख?
कभी पानी ना मिलेगा तो जानोगे प्यास होती है क्या?
पानी मांगेगा हिंदू , मांगेगा मुसलमान, मांगेगा ईसाई और सिख|
जख्म होगा देह में तो बहेगा खून सबका
खून का रंग होता है लाल
हिंदू में, मुसलमां में, ईसाई में और सिख में |
जाना है तुमने क्या, भाई भाई का खून कभी कभी
आपस मिलता नहीं, रक्तदान के लिए आता है जो
वो अनजान भाई होता है कोई हिंदू, कोई मुसलमान, कोई ईसाई या सिख |
कभी जाना है तुमने धर्म होता है क्या पूजा होती है क्या
सत्मार्ग दिखाये धर्म
और भावनाये पूजा में होती हैं-
मानवता के कल्याण की, प्रेम की सौहाद्र की
सत्मार्ग दिखाए चाहे धर्म हो हिंदू या कि मुस्लिम या ईसाई या सिख|
फिर ये नफरत की दीवारें क्यों, लहू लहू का प्यासा क्यों |
नूतन गैरोला .. ४ / अगस्त / २०११ १० :५२
अभी लिखी और पोस्ट की है …. बाद में एडिटिंग होगी..
18 comments:
एक दम सही विचार है। किस बात की नफ़रत क्यों ये फ़साद!!
ना जाने फिर भी क्यूँ इन्सान,इन्सान दे दूर है....
बहुत ही बढ़िया।
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आपकी इस पोस्ट की हलचल आज यहाँ भी है
बहुत अच्छी प्रस्तुति |बधाई |
आशा
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
बिलकुल सही बात है... सच्चाई को उजागर करती... दिल को छू जाने वाली खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
सादर,
डोरोथी.
सटीक विचार ..पर यह बात धर्मान्ध लोंग कहाँ देखते हैं .. सुन्दर प्रस्तुति
बहुत सुन्दर...बधाई
acchi prstuti....
अति सुन्दर रचना,
साधुवाद
आनन्द विश्वास
अहमदाबाद
सार्थक पोस्ट ....
"यह बात समझ ले इंसा तो यह दुनिया जन्नत हो जाये...."
बहुत ही सार्थक अभिव्यक्ति है...
सादर...
बहुत ही सुन्दर और प्यारा लेख है बधाई हो आपको आप भी जरुर आये साथ ही यहाँ शामिल सभी ब्लागर साथियो से आग्रह है की मेरे ब्लाग पर भी जरुर पधारे और वहां से मेरे अन्य ब्लाग पर क्लिक करके वह भी जाकर मेरे मित्रमंडली में शामिल होकर अपनी दोस्तों की कतार में शामिल करें
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MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......
बहुत अच्छी और भावपूर्ण रचना
जख्म होगा देह में तो बहेगा खून सबका
खून का रंग होता है लाल
हिंदू में, मुसलमां में, ईसाई में और सिख में |
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कास इन पंक्तियों का धर्म और जाती की राजनीती करने वालों को अहसास होता |
बहुत सुंदर रचना | शुभकामना |
जख्म होगा देह में तो बहेगा खून सबका
खून का रंग होता है लाल
हिंदू में, मुसलमां में, ईसाई में और सिख में |
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कास इन पंक्तियों का धर्म और जाती की राजनीती करने वालों को अहसास होता |
बहुत सुंदर रचना | शुभकामना |
जख्म होगा देह में तो बहेगा खून सबका
खून का रंग होता है लाल
हिंदू में, मुसलमां में, ईसाई में और सिख में |
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कास इन पंक्तियों का धर्म और जाती की राजनीती करने वालों को अहसास होता |
बहुत सुंदर रचना | शुभकामना |
जख्म होगा देह में तो बहेगा खून सबका
खून का रंग होता है लाल
हिंदू में, मुसलमां में, ईसाई में और सिख में |
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कास इन पंक्तियों का धर्म और जाती की राजनीती करने वालों को अहसास होता |
बहुत सुंदर रचना | शुभकामना |
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