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Wednesday, August 3, 2011

हम सब एक हैं ….डॉ नूतन गैरोला

Religions-in-India1 

 

तुमने कभी इंसान की हड्डी को देखा है
कही भी जा दिखेगी हड्डी होती सिर्फ सफ़ेद है
क्या बोलती है वो
मैं हिंदू हूँ, मै मुस्लिम हूँ या कि ईसाई और सिख?


कभी पानी ना मिलेगा तो जानोगे प्यास होती है क्या?
पानी मांगेगा हिंदू , मांगेगा मुसलमान, मांगेगा ईसाई और सिख|

जख्म होगा देह में तो बहेगा खून सबका
खून का रंग होता है लाल
हिंदू में, मुसलमां में, ईसाई में और सिख में |

जाना है तुमने क्या, भाई भाई का खून कभी कभी
आपस मिलता नहीं, रक्तदान के लिए आता है जो
वो अनजान भाई होता है कोई हिंदू, कोई मुसलमान, कोई ईसाई या सिख |

कभी जाना है तुमने धर्म होता है क्या पूजा होती है क्या
सत्मार्ग दिखाये धर्म
और भावनाये पूजा में होती हैं-
मानवता के कल्याण की, प्रेम की सौहाद्र की
सत्मार्ग दिखाए चाहे धर्म हो हिंदू या कि मुस्लिम या ईसाई या सिख|
फिर ये नफरत की दीवारें क्यों, लहू लहू का प्यासा क्यों |

नूतन गैरोला .. ४ / अगस्त / २०११ १० :५२

 

अभी लिखी और पोस्ट की है …. बाद में एडिटिंग होगी.. मुस्‍कान

18 comments:

मनोज कुमार said...

एक दम सही विचार है। किस बात की नफ़रत क्यों ये फ़साद!!

Arvind kumar said...

ना जाने फिर भी क्यूँ इन्सान,इन्सान दे दूर है....

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही बढ़िया।
-----------
आपकी इस पोस्ट की हलचल आज यहाँ भी है

Asha Lata Saxena said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति |बधाई |
आशा

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति!

Dorothy said...

बिलकुल सही बात है... सच्चाई को उजागर करती... दिल को छू जाने वाली खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
सादर,
डोरोथी.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सटीक विचार ..पर यह बात धर्मान्ध लोंग कहाँ देखते हैं .. सुन्दर प्रस्तुति

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत सुन्दर...बधाई

सागर said...

acchi prstuti....

आनन्द विश्वास said...

अति सुन्दर रचना,
साधुवाद
आनन्द विश्वास
अहमदाबाद

रेखा said...

सार्थक पोस्ट ....

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

"यह बात समझ ले इंसा तो यह दुनिया जन्नत हो जाये...."

बहुत ही सार्थक अभिव्यक्ति है...
सादर...

Neelkamal Vaishnaw said...

बहुत ही सुन्दर और प्यारा लेख है बधाई हो आपको आप भी जरुर आये साथ ही यहाँ शामिल सभी ब्लागर साथियो से आग्रह है की मेरे ब्लाग पर भी जरुर पधारे और वहां से मेरे अन्य ब्लाग पर क्लिक करके वह भी जाकर मेरे मित्रमंडली में शामिल होकर अपनी दोस्तों की कतार में शामिल करें
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MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......

Human said...

बहुत अच्छी और भावपूर्ण रचना

ganesh lohani said...

जख्म होगा देह में तो बहेगा खून सबका
खून का रंग होता है लाल
हिंदू में, मुसलमां में, ईसाई में और सिख में |
====
कास इन पंक्तियों का धर्म और जाती की राजनीती करने वालों को अहसास होता |
बहुत सुंदर रचना | शुभकामना |

ganesh lohani said...

जख्म होगा देह में तो बहेगा खून सबका
खून का रंग होता है लाल
हिंदू में, मुसलमां में, ईसाई में और सिख में |
==
कास इन पंक्तियों का धर्म और जाती की राजनीती करने वालों को अहसास होता |
बहुत सुंदर रचना | शुभकामना |

ganesh lohani said...

जख्म होगा देह में तो बहेगा खून सबका
खून का रंग होता है लाल
हिंदू में, मुसलमां में, ईसाई में और सिख में |
==
कास इन पंक्तियों का धर्म और जाती की राजनीती करने वालों को अहसास होता |
बहुत सुंदर रचना | शुभकामना |

ganesh lohani said...

जख्म होगा देह में तो बहेगा खून सबका
खून का रंग होता है लाल
हिंदू में, मुसलमां में, ईसाई में और सिख में |
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कास इन पंक्तियों का धर्म और जाती की राजनीती करने वालों को अहसास होता |
बहुत सुंदर रचना | शुभकामना |

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